पहलगाम आतंकी हमले को 1 महीने से ज़्यादा वक़्त बीत चुका है. ऐसे में यूनाइटेड नेशन के इस आतंकी हमले को लेकर किये गए निंदा प्रस्ताव के बारे में भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स कई तरह के दावे शेयर करते हुए दिखें. ऐसा ही एक मेसेज वायरल है जिसके अनुसार, यूनाइटेड नेशन के निंदा प्रस्ताव में पाकिस्तान, ये क्लॉज़ लगवाने में सफल रहा कि ‘आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्या नहीं की थी’. और इसके लिए पाकिस्तान ने सबूत के तौर पर भारत के 12 विपक्षी नेताओं के ट्विट्स और वीडियोज़ चीन को दिखाए जिनमें कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य नेता शामिल हैं. इसके बाद चीन ने ये क्लॉज़ हटवा दिया कि धर्म पूछकर मुस्लिम आतंकवादियों ने हत्या की थी, क्यूंकि चीन के पास जिसके पास वीटो पावर है.
पूर्व IPS किरण बेदी ने 22 मई 2025 को ये मेसेज पोस्ट किया था. इसमें यही तमाम दावे किये गए हैं. ये आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 6,300 बार रिपोस्ट किया गया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
Based on a shared post.
In the condemnation resolution presented by the United Nations on the Pahalgam attack, Pakistan was successful in getting a clause inserted that
“The terrorists did not kill after asking about religion…!”
To do this, Pakistan showed the tweets and…
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) May 22, 2025
2 मई 2025 को X यूज़र ‘@mr_pathakshiv’ ने भी ये मेसेज पोस्ट किया.
राइटविंग यूज़र और खुद को किसान मोर्चा वाराणसी भाजपा के महासचिव बताने वाले विवेक पांडे भी वायरल मेसेज में किये गए दावे का कुछ अंश पोस्ट किया है. (आर्काइव लिंक)
अखिलेश यादव,सुप्रिया श्रीनेत ,सिद्दारमैया के ट्वीट के कारण पाकिस्तान ने UN में पहलगाम हिंदु नरसंहार निंदा प्रस्ताव से ये हटाने में सफल रहा कि आतंकियों ने धर्म पूछकर कपड़े उतरवाकर गोली नहीं मारी ।
— Vivek Pandey 🇮🇳 (@INDVivekPandey_) May 3, 2025
ये लंबा चौड़ा मेसेज पिछले कई दिनों से X (पहले ट्विटर) और फ़ेसबुक पर वायरल है.
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर भी इस वायरल मेसेज की असलियत जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट आयी हैं.
सच क्या है?
क्या यूनाइटेड नेशन ने कहा कि “आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्या नहीं की थी?”
ऑल्ट न्यूज़ ने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में यूनाइटेड नेशन का निंदा प्रस्ताव चेक किया. लेकिन हमें इस प्रेस स्टेटमेंट में कही पर भी “आतंकी द्वारा धर्म पूछकर हत्या नहीं करने” या “धर्म पूछकर हत्या करने” की कोई बात लिखी नहीं मिली. यहां, वायरल मेसेज में किया गया दावा कि पाकिस्तान और चीन ने यूनाइटेड नेशन के स्टेटमेंट में ये क्लॉज़ शामिल करवाया कि “आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हत्या नहीं की थी”, गलत साबित होता है. इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने यूनाइटेड नेशन की डेली ब्रीफिंग भी चेक की लेकिन इसमें भी धर्म पूछकर हत्या नहीं करने की बात का ज़िक्र नहीं है.
विपक्षी नेताओं ने दिए थे “आतंकी द्वारा धर्म पूछकर हत्या नहीं करने” के बयान?
वायरल टेक्स्ट में दावा है कि 12 विपक्षी नेताओं के बयान को दिखाकर पाकिस्तान और चीन “आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर हत्या नहीं करवाने’ की बात एड करवा पाया है. इस मेसेज में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और बाकी विपक्षी नेता शामिल है. लेकिन जब ऑल्ट न्यूज़ ने इस बारे में ऑनलाइन रिपोर्ट्स खंगाली तो हमें पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, अखिलेश यादव और सिद्धारमैया द्वारा ऐसा कोई बयान दिए जाने की जानकारी नहीं मिली.
किरण बेदी के पोस्ट को कोट ट्वीट करते हुए पवन खेड़ा ने लिखा कि “मैंने आपसे इससे बेहतर की उम्मीद की थी. अगर आपके जैसे पढ़े लिखे लोग तथ्यों की पुष्टि करें बगैर फ़र्ज़ी प्रॉपगेंडा का शिकार हो सकते हैं तो उन लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं जिनके पास राजनीति विज्ञान की डिग्री है? इसे डिलीट करें और माफी मांगे या कानूनी कारवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें.”
I expected better than this from you. If an educated person like you can fall prey to fake propaganda without verifying facts, how can we expect anything from those who have a degree in entire political science?
Apologise and delete or be prepared to face legal action. https://t.co/eH2iohvdSM— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) May 23, 2025
किरण बेदी ने 23 मई को अपने इस ट्वीट पर रिप्लाइ करते हुए बताया कि उन्हें कथित मेसेज में मेन्शन किये गए किसी व्यक्ति ने बताया कि इस मेसेज के दावे गलत हैं. उन्होंने इस कथित मेसेज को काउन्टर करने की भी बात की. लेकिन उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट नहीं किया.
I have been informed by someone mentioned in the above forward that the contents in the message are factually incorrect. Am happy to hear if it is. It’s a relief.
I have requested him to counter the message in all fairness, and tag me too for larger reach.— Kiran Bedi (@thekiranbedi) May 23, 2025
हालांकि, अप्रैल महीने में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान दिया था कि वो पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में नहीं है. इसके बाद खबरें सामने आई थी कि राज्य मंत्री आरबी तिम्मापुर ने बयान दिया था कि “मुझे लगता है कि जब वे आतंकी हमला कर रहे थे, तब उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा. अगर उन्होंने पूछा होता, तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए”. (खबर 1, खबर 2, खबर 3)
कर्नाटक के मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक भाजपा के प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा था कि इस बयान ने पीड़ितों के परिवार को अपमानित किया है.
यहां, ये दावा भी गलत साबित होता है कि विपक्षी नेताओं ने “आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर हत्या नहीं करने” की कोई बात की थी.
हालांकि, ये कोई नई बात नहीं है कि किरण बेदी ने एक व्हाट्सऐप मेसेज को सच मानकर ट्वीट कर दिया हो. ऑल्ट न्यूज़ ने उन्हें कई बार ऐसा करते हुए पकड़ा है.
पढ़िए: किरण बेदी और उनके नकली व्हाट्सएप फॉरवर्ड का संकलन
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